वो लड़की सयानी सी/Wo Ladki Sayani Si - ग्रेडिअस बुक स्टोर
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Hindi Books Hindi E-Book by Gradias Hindi Paperback by Gradias
वो लड़की सयानी सी/Wo Ladki Sayani Si

वो लड़की सयानी सी/Wo Ladki Sayani Si

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Short Description:
उस लड़की की कहानी जो शोषण और अत्याचार सहते अब इतनी सयानी हो चुकी थी कि दुनिया को ही चला सके..

Product Description

  

  • ₹250.00
  • by Ashfaq Ahmad  (Author)
  • Book: Wo Ladki Sayani Si
  • Paperback: 250 pages
  • Publisher: Gradias Publishing House
  • Language: Hindi
  • ISBN-13: ‎ 978-8195983735
  • Product Dimensions: 21.59 x 13.97 x 2 cm

यह कहानी उस सिलसिले को आगे बढ़ाती है जो 'वो लड़की भोली भाली सीसे शुरु हुआ था और अपने अंजाम तक पहुंचती है। सुहाना या संदीप के अतीत में जो कुछ भी हुआ थावह धीरे-धीरे विकास की इन्क्वायरी के ज़रिये सामने आता रहता है। उन दोनों की ज़िंदगी में ढेरों पेंच थेढेरों उलझनें थीं और उनमें सबा को उन सबसे डील करते हुएएक सरकारी मिशन के तहत अपनी एक जगह बनानी थी— और जिसके लिये वह हर स्तर तक जाती है।

पिछले भाग में जहां कहानी तीन अलग टाईमलाईन में चली थीवहीं इस भाग में कहानी दो अलग टाईमलाईन में चलती है और जहां सबा के सफ़र के साथ अतीत का एक कालखंड सामने आता रहता हैजहां वह शोषण से भरे बचपन से उबरते हुए एक ताक़तवर संगठन में घुसपैठ करती है और धीरे-धीरे शीर्ष तक पहुंचती हैजहां पहुंच कर उसे फिर एक मौका मिलता हैएक नये अवतार को ग्रहण करने का… वहीं वर्तमान में विकास की खोजबीन के साथ उस अतीत के उलझे हुए सिरे धीरे-धीरे खुलते रहते हैं और एक बिखरी-बिखरी सी कहानी परिपूर्णता लेते हुए सामने आती है।

उस गुमशुदा अतीत में कुछ ऐसा थाजिसने गोवा को अपने मज़बूत पंजों में जकड़े बादेस से मुक्ति तो दिला दी थीलेकिन अपना वक़्त लेकरसंभलने के बाद वह फिर से खड़े होने की कोशिश करती है और उसके बचे हुए बागी सिपहसालारों को फिर उसके झंडे के नीचे आना पड़ता है। उसी गुमशुदा अतीत में एक बहुत बड़ी रकम भी गुम हुई थीजिसका कोई पता ठिकाना नहीं था और अब जैसे वह सारे लोग उसी की तलाश में थे— जो उसके बारे में जानते थे। वे उस रकम के लिये किसी भी हद से गुज़रने को तैयार थे।

जो गोवा में होता हैवही अंतिम मोड़ पर दिल्ली में होता है और अतीत में आपस में असम्बंधित रहे विकासटोनीबब्बूमाया और आरज़ू सब एक दूसरे के सामने प्रतिद्वंदी के तौर पर आ खड़े होते हैं— जहां ख़ुद सर्वाईव करने के लिये दूसरे को खत्म करना ज़रूरी हो जाता है। अब सवाल यह था कि उस अंतिम दौर में कौन मरता है और कौन बचता है?


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