Ikwodo / इक्वोडो - ग्रेडिअस बुक स्टोर
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Hindi Books Hindi E-Book by Gradias Hindi Paperback by Gradias price_₹250
Ikwodo / इक्वोडो

Ikwodo / इक्वोडो

Hindi Books Hindi E-Book by Gradias Hindi Paperback by Gradias price_₹250
Short Description:
पृथ्वी से बाहर पृथ्वी जैसी उन ढेरों दुनियाओं की कहानी, जहां अलग-अलग ढेरों इंटेलिजेंट सभ्यताएं मौजूद थीं और मौजूद थे उनके बीच के संघर्ष

Product Description

 


‘मिरोव’ ‘ओरियन’ और ‘विलाद’ के बाद ‘अर्ल्ज़वर्स’ के कांसेप्ट की चौथी और अंतिम कहानी ‘इक्वोडो’ के रूप में पेश है— यह पूरी कहानी आठ भाग में है और सभी भाग एक साथ ही प्रकाशित किये जा रहे हैं।


पिछली तीन कहानियों में और इक्वोडो में एक बेसिक फ़र्क यह है कि वे कहानियां पृथ्वी के अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ी थीं तो उनके पहले पन्ने से ही समझा जा सकता था कि क्या चल रहा है— जबकि इक्वोडो में ऐसा नहीं है, तो इसे समझने के लिये यह समझना ज़रूरी है कि इसकी कहानी सीधे यूनिवर्स के दूसरे ग्रहों से शुरू होती है, जहां-अलग-अलग तरह की इंटेलिजेंट लाईफ़ मौजूद है।


यूं तो इस कांसेप्ट की पहली कहानी ‘मिरोव’ भी तीसरे भाग में पृथ्वी से हट कर शैडो यूनिवर्स में शिफ्ट हुई थी, लेकिन चूंकि उसकी शुरुआत पृथ्वी के वर्तमान से हुई थी तो जब तक कहानी पृथ्वी से हटी थी, तब तक पाठक कहानी से कनेक्ट हो चुके थे और इसलिये किरदारों के साथ एकदम अलग यूनिवर्स में पहुंच जाना अटपटा नहीं लगा था— जितना इक्वोडो में लग सकता है।


‘इक्वोडो’ की शुरुआत ही खुले यूनिवर्स से होती है— जहां 'थ्य ओ राॅन' के रूप में एक नई ताक़त सामने आती है, जो सीधे ईश्वर होने का दावा करता है, और इसके पक्ष में वह कई तरह की शक्तियों का प्रदर्शन भी करता है। जो अब यूनिवर्स में मौजूद हर तरह के जीवन को अपने कंट्रोल में ले कर अपने तरीके से चलाना चाहता है, जहां किसी भी सुप्रीम क्रीचर के पास बस नाम की और कंडीशनल फ्री विल होगी और सभी ज्यादातर जीवन किसी रोबोट की तरह नियंत्रण के साथ जियेंगे— जिनके पास इंसानों जैसी वह छूट बिलकुल नहीं होगी कि वह मनमाने तरीकों से जीवन जीते हुए अपने ही प्लेनेट को तबाह कर लें।


कहानी की शुरुआत ऐसे ग्रहों से होती है— जो वूडर्स या हेलिडर्स के बनाये हैं। हेलिडर के बसाये प्लेनेट की मूल प्रजाति फिएंडर्स की है, जो कि हेलिडर्स की रचना हैं— यानि वही प्राणी, जो ‘ओरियन’ और ‘विलाद’ में जाॅगर्स और हेलब्रीड्स यानि शैतान के रूप में सामने आ चुके हैं। 'इक्वोडो' की शुरुआत ही इन बाहरी जीवों से होती है, जो अपनी प्रजाति को फिएंडर्स के रूप में पहचानते हैं। एक इंसान की नज़र से हम कह सकते हैं कि इक्वोडो की कहानी यूनिवर्स और एलियंस के साथ शुरू होती है।


अब इस कहानी को समझने के लिये ओरियन और विलाद में परोसे गये ‘अर्ल्ज़वर्स’ के कांसेप्ट को वापस याद करते हैं… एक सिस्टम है, उसमें बाकी सब दूसरे एप्स हैं, करोड़ों तरह की फाइलें हैं— लेकिन इस सिस्टम में एक वायरस है, जिससे जूझने के लिये, उसे रोकने या ख़त्म करने के लिये एक एंटी-वायरस इंस्टाल किया जाता है… ऐसे में इसे ऐसे समझिये कि यह पूरा यूनिवर्स, इसमें शामिल सभी तत्वों समेत वह सिस्टम है, जिसमें हेलिडर वायरस की और वूडर या इक्वोडियंस एंटी-वायरस की हैसियत रखते हैं। हालांकि यह पूरी तस्वीर का बस एक पहलू है।


इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी शोमार नाम के क्रियेटर ने इस पूरी सृष्टि को रचा है— और किसी अननोन कारण से इसमें सुर-असुर, दोनों तरह की शक्तियों को मौजूद रखा है, यह अच्छाई और बुराई का प्रतीक हैं, अंधेरे और उजाले का प्रतीक हैं, सृजन और विनाश का प्रतीक हैं। जितना एक ज़रूरी है, उतना ही दूसरा ज़रूरी है— बिना एक के, दूसरे का कोई अस्तित्व नहीं। जैसे न बिना रात के दिन का कोई अस्तित्व है और न बिना दिन के रात का। एक के होने के लिये ही दूसरे का होना ज़रूरी है और जब दोनों होंगे, तभी सृष्टि होगी।


अब हम इंसान एक पाले में आते हैं, जिनके लिये शोमार सृष्टि का पालनहार है, वूडर्स उसके बनाये फरिश्ते हैं, जो यूनिवर्स भर में जीवन का सृजन करते हैं— और इस सृष्टि में हेलिडर्स शैतान हैं, जिन्हें खुला छोड़ा गया है, वूडर्स से ज्यादा शक्तियों से लैस किया गया है, ताकि वे हम सभी का इम्तहान ले सकें… क्योंकि उनसे मिलने वाली अपने विनाश की चुनौतियां और प्रतिक्रिया में इससे उत्पन्न जीजिविषा ही हमें सर्वाइवल के पैमाने पर टिकने लायक मज़बूत बनायेगी।


लेकिन इन सारी बातों के बावजूद, तस्वीर के इस पहलू में यह मात्र एक पक्ष का सच है— दूसरे पक्ष की मान्यता क्या है? इक्वोडो का पहला भाग इसी पक्ष को सामने रखता है और यह अंतर समझ में आता है कि हर चीज़ को देखने का सभी का नज़रिया अलग होता है— जहां इंसान सबकुछ इक्वोडियंस की नज़र से देखते हैं, और उनकी दुनिया में हेलिडर्स घिनौने, ख़तरनाक और शैतान होते हैं… ठीक इसके उलट फिएंडर और हेलिडर की नज़र में वूडर्स शैतान थे, जबकि उनके बनाये इंसान बस गंदे, तुच्छ कीड़े सरीखे जीव।


तो इस कांसेप्ट को समझने के लिये फिएंडर को समझना भी उतना ही ज़रूरी है, जितना हेलिडर्स की फिलाॅस्फी। जैसे वूडर्स शोमार की बनाई एक शक्ति थे और वे जीवन पनपने लायक अलग-अलग ग्रहों पर विविधता भरे जीवन का सृजन करते थे— उनके लिये सैटन या हमन, कोई भी सर्वोपरि नहीं था, बल्कि उन्होंने जेनेटिक इंजीनियरिंग के ज़रिये ढेरों तरह के जीवों की रचना की थी… वहीं हेलिडर्स भी वही काम अपने तरीके से करते थे, लेकिन वे विविधता के पैरोकार नहीं थे, तो उनका बनाया जीवन सभी ग्रहों पर एक ही रूप में पनपता था और अपने अंश से अपने ही जैसे जो जीव वे बनाते थे, वे फिएंडर कहलाते थे। पृथ्वी पर इन्हीं जीवों को 'ओरियन' में ‘जाॅगर्स’ की संज्ञा दी गई थी।


इक्वोडो में वूडर्स और हेलब्रीड्स से हट कर नया इस यूनिवर्स में ‘थ्य ओ राॅन’ का प्रवेश है— जो बाकी दोनों शक्तियों से अलग हैं, असल में वह ईश्वर होने का दावा करता है और किसी भी प्लेनेट के सुप्रीम क्रीचर के डिजाइन में व्याप्त उसकी डिफाॅल्ट त्रुटियों को दूर कर के एक बेहतर जीव और बेहतर प्लेनेट्स बनाना चाहता है और उसकी कोशिशों में उसके सबसे बड़े दुश्मन खुद वूडर्स और हेलब्रीड्स हैं— जिनसे निपटने के साथ ही वह अपने सफ़र की शुरुआत करता है और उन्हें सीमित करने में कामयाब रहता है।


अपने देवत्व को स्थापित करने और अपनी स्वीकार्यता पाने के लिये वह दो आकाशगंगाओं को पूरी तरह तबाह कर देने वाली एक गैलेक्टिक जंग को चुनता है— जिसके तीन पक्ष होते हैं, एक हेलब्रीड्स के बनाये फिएंडर्स से भरी गैलेक्सी नेलिडो, दूसरे वूडर्स के बनाये इंसानों के सदृश जीवों से भरी ससेन गैलेक्सी और तीसरे विलुप्त हो चुके वूडर्स, जो पृथ्वीवासियों जैसे अगवा किये जीवों के सहारे अपनी पुनर्स्थापना की कोशिश में लगे थे।


थ्य ओ राॅन उस जंग से जुड़े अहम किरदारों के अतीत में घुसपैठ कर के उनके साथ घटी घटनाओं को मैनीपुलेट करता है, जिससे इस गैलेक्टिक जंग के परिणाम बदलें और न सिर्फ़ एक बड़ी तबाही टल जाये— बल्कि इस बहाने उसे एक झटके से हज़ारों उन्नत सभ्यताओं के बीच ईश्वर के तौर पर स्थापित होने का मौका भी मिले। उसके चुने सभी मोहरे भयंकर किस्म के संघर्षों में उलझे थे, जहां अब थ्य ओ राॅन का हस्तक्षेप अपना प्रभाव पैदा करता है और चीज़ें बदलनी शुरू होती हैं— लेकिन क्या जंग का वास्तविक परिणाम भी बदल पायेगा?


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1. Ikwodo Chapter 1: the Rise of Thya O Ron


‘इक्वोडो’ उस विशाल ‘अर्ल्ज़वर्स’ के कांसेप्ट की चौथी कहानी है जो पृथ्वी के अतीत से ले कर यूनिवर्स के विस्तार तक कई कल्पनाओं को ले कर चलती है। इस कहानी में एक नये ईश्वर और उसके अपने डिजाइन की कल्पना साकार रूप लेती है— जो ‘जीवन’ के पिछले डिज़ाइन से अलग है और उसके विचार में त्रुटिमुक्त है।


रेलवे ट्रैक पर दौड़ती गाड़ी हो, हवा में उड़ता विमान, वाइल्ड लाईफ को शूट करती चैनल टीम हो, सड़क पर अंधाधुंध भागती पुलिस और क्रिमिनल्स की टीम हो या फिर मौज-मस्ती के लिये समुद्र में उतरा एलीट्स से भरा क्रूज़— इन सभी के आगे अचानक से एक रोशनी का भंवर आ जाता है, जब वे न चाहते हुए भी उसमें घुसते चले जाते हैं… और जब वे उससे पार होते हैं, तो वे पृथ्वी के बजाय किसी और ही दुनिया में थे।


किसी ऐसी दुनिया में— जहां उनके सिवा और भी ढेरों अलग-अलग प्रजातियों के लोग मौजूद थे… लेकिन उन्हें यह जान कर झटका लगता है कि वे भी उनकी तरह समान वातावरण में जी सकने वाले ऐसे विकसित जीव थे, जो उन्हीं की तरह पृथ्वी जैसी अलग-अलग दुनियाओं से वहां ला कर इकट्ठे किये गये थे।


आख़िर कौन लाया था उन्हें वहां? क्या था उन्हें इस तरह उनके ग्रहों से अगवा कर के किसी एक ग्रह पर जमा करने का मक़सद? पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों से ग़ायब हुए लोग उस अजनबी ग्रह पर अलग-अलग हिस्सों में पहुंचे थे— क्या वे आपस में मिल भी पायेंगे? क्या वे उस अजनबी दुनिया में पहुंच कर सर्वाइव कर सकेंगे? और सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि क्या उन्हें इस तरह लाने वाले उनके सामने आयेंगे भी?

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2. Ikwodo Chapter 2: Planet of the Dead


‘प्लेनेट ऑफ डेड’ कहानी है पृथ्वी से ग़ायब किये गये उन कई हज़ारों लोगों की— जो किसी और ऐसे नये और अजनबी ग्रह पर पहुंचा दिये गये थे, जहां का वातावरण पृथ्वी जैसा था और जहां वे परग्रही के तौर पर भी बिना किसी अतिरिक्त सपोर्ट के ज़िंदा रह सकते थे।


वहां भटकते और हादसों का शिकार होते उन्हें मिलते हैं ठीक उन्हीं की तरह दूसरी दुनियाओं से लाये गये वे जीव, जो उनके लिये ख़तरनाक भी हैं और जानलेवा भी। जिनमें उनके जैसी सुप्रीम स्पिसीज यानि बुद्धिमान प्रजातियां भी हैं और वे जीव भी, जिनके भविष्य में बुद्धिमान प्रजाति के तौर पर इवाॅल्व होने की संभावना मौजूद है।


वे एक के बाद एक अच्छी-बुरी घटनाओं का शिकार होते एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो कहीं सहयोगी भी बनते हैं तो कहीं दुश्मन बन के भी टकराते हैं लेकिन पूरे पिंड के अलग-अलग हिस्सों में ला कर छोड़े गये लोग इसी तरह एकत्र भी होते हैं।


उस नई, अनोखी, अजनबी दुनिया में वे जिस सबसे बड़े आश्चर्य से दो-चार होते हैं— वह यह था कि उन्हें वहां लाया गया था, लेकिन अपने भटकने के दौरान वे जिस बस्ती या शहर तक पहुंचते हैं, वे सभी मुर्दा पड़े थे और वहां कोई ऐसा जीवित प्राणी मौजूद नहीं था, जिस पर वे उन्हें यहां लाने का शक कर सकें।


तो आख़िर कहां चले गये थे उस दुनिया के रहने वाले? कौन लाया था उन्हें ऐसे मुर्दा पड़े ग्रह या उपग्रह पर? क्या हुआ था उस पिंड पर रहने वालों के साथ कि वे इस तरह विलुप्त हो गये थे? और अगर वहां कोई ज़िंदा ही नहीं था, तो फिर बड़ा सवाल था कि उन्हें वहां लाया कौन?


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3. Ikwodo Chapter 3: Cosmic Insurgents


‘काॅस्मिक इनसर्जेंट्स’ इक्वोडो का तीसरा भाग है— जिसमें अंततः वे लोग सामने आते हैं जो पृथ्वीवासियों को पृथ्वी से अगवा कर के इक्वोडो वन पर लाने के ज़िम्मेदार हैं और आख़िरकार पृथ्वीवासियों को पता चलता है कि उन्हें इस तरह अगवा कर के क्यों लाया गया है… जहां एक महान उद्देश्य उनके सामने आता है।


इक्वोडो की कहानी तीन ट्रैक पर चलती है— जिसमें पहला ट्रैक है पृथ्वीवासियों का, जिन्हें अपने इक्वोडो वन पर होने का मकसद तो पता चल चुका है लेकिन उन्हें सबसे बड़ा ख़तरा है उनके पीछे ही वहां पहुंचे हेलब्रीड्स से, जो वूडर्स को पूरी तरह ख़त्म करने के लिये एक सुसाइडल मिशन पर आये थे और अब वे उन सब के पीछे थे।


दूसरा ट्रैक है, इंसान वर्चस्व वाली ससेन गैलेक्सी का— जहां एक गैलेक्टिक हुकूमत से फ़रार अपराधी निक्रोन सिमेग्डोल थ्य ओ राॅन का मोहरा बन जाता है और वह इनसर्जेंट्स के मुखिया निओ जेहेस्रेट की खोज में उस प्यूलर के साथ लेनोर ग्रह के लिये रवाना होता है… जो अपनी बनाई वर्चुअल रियलिटी में किसी को भी खींच लेने में दक्ष था और इसी के ईनाम के तौर पर वह राॅयल गार्ड के तौर पर लेनोर जा रहा था।


कहानी का तीसरा ट्रैक है फिएंडर्स की गैलेक्टिक सत्ता वाली नेलिडो आकाशगंगा में सत्ता के उलटफेर के चलते निशाने पर आये एक प्रेमी जोड़े रोबेक और ब्लोड का— जिसमें से रोबेक नये बने सम्राट के प्रस्ताव को ठुकराने पर एक क़ैदी के रूप में एक चांद पर पहुंचा कर माइनिंग के काम में जोत दी जाती है और ब्लोड उस तक पहुंचने की कोशिश में एक ऐसे प्लेनेट पर पहुंच जाता है जो पिछले दस सालों से टाईम लूप में फंसा हुआ था।


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4. Ikwodo Chapter 4: The Mysterious World of Lenor

‘द मिस्टीरियस वर्ल्ड ऑफ लेनोर’ इक्वोडो शृंखला की चौथी कहानी है— जो पिछली कहानी से बने तीनों ट्रैक पर आगे बढ़ती है और एक तरफ़ जहां पृथ्वीवासी उन हेलब्रीड्स जैसे, मगर उनसे भी पाॅवरफुल अवतारों के सहारे उनसे टक्कर लेने की कोशिश करते हैं तो वहीं वीरान पड़ी फैसिलिटी में लेप्सकी एक अजीब से समय-चक्र में उलझता है।


नेलिडो में एक तरफ़ रोबेक ओसाटो से फ़रार होने की अपनी पहली कोशिश में बुरी तरह नाकाम होने के बाद एक बार फिर वही करने की कोशिश करती है— जिसमें उसे दूसरे क़ैदियों का साथ मिलता है तो वहीं ब्लोड के हस्तक्षेप से सोव्रन का वह लूप टूट जाता है, जिससे ब्लोड उसी ग्रह पर फंस जाता है जो अब भारी अराजकता का शिकार हो चुका था और जल्दी ही वहां सबकुछ नष्ट होने वाला था।


ससेन में लेनोर के एक रेतीले महाद्वीप पर प्यूलर और निक्रोन दोनों ही कुछ रहस्यों से दो-चार हो रहे थे। एक तरफ़ जहां प्यूलर हालात का शिकार हो गई दो लड़कियों को ले कर किसी अनजान मंजिल की तरफ़ बढ़ता है तो वहीं निक्रोन जैसे समय के साथ बहते एक ऐसी रहस्यमयी जगह तक पहुंच जाता है, जहां एक बहुत बड़ा राज़ उसका इंतज़ार कर रहा था— जिस पर यक़ीन दिलाने के लिये ख़ुद थ्य ओ राॅन को उससे बात करनी पड़ती है।


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5. Ikwodo Chapter 5: Chaos of Sovran


सोव्रन वह ग्रह था जिसे एक निश्चित तबाही से बचाने के लिये एक टाईम लूप में फंसाया गया था— यह तय था कि अगर उसके लूप के दौरान कुछ ऐसा होता है, जो पहले नहीं हुआ था तो लूप टूटेगा और फिर सोव्रन को अपनी उसी निश्चित तबाही का सामना करना पड़ेगा— फिर भी ब्लोड हार्लो से वह ग़लती हो ही जाती है जो इस लूप को तोड़ देती है और इस प्लेनेट की तबाही ट्रिगर हो जाती है।


अब एक तरफ़ तो वे प्राकृतिक हालात थे, जो सोव्रन पर क़हर बन कर टूट रहे थे और हर तरफ़ ज़मीन और आसमान जैसे अपने बीच मौजूद सबकुछ ख़त्म कर देने पर उतारू हो जाते हैं— दूसरी तरफ़ मर रही सभ्यता के मर रहे वह अपराधी थे जो अपने तरीके से मरना चाहते थे और उससे पहले हर हाल में ब्लोड को ख़त्म कर देना चाहते थे।


और ब्लोड को ऐसे मुश्किल हालात में उस स्पेस सेंटर तक पहुंचना था, जो इस तबाही का शिकार हो कर अब किसी लायक न रहा था— लेकिन ब्लोड को जो आख़िरी उम्मीद थी, वह उसी जगह से थी… क्या ब्लोड की वह उम्मीद कामयाब हो पाई?


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6. Ikwodo Chapter 6: Clash of Civilizations


क्लैश ऑफ सिविलाइजेशंस यानि दो अलग-अलग सभ्यताओं का टकराव… जो घटित होता है इक्वोडो नाम के उस ग्रह पर, जहां अब जीवन नहीं है और जो बर्फ़ से मुंदा एक बेजान पिंड बन चुका है। एक तरफ़ हैं हेलब्रीड्स के रूप में यूनिवर्स की वह फोर्स, जो एकरूपता भरे जीवन की पैरोकार है और यूनिवर्स भर में उसी पैटर्न के जीवन का सृजन करती फिरती है।


तो दूसरी तरफ़ है वूडर्स के रूप में यूनिवर्स की वह दूसरी मुख्य फोर्स, जो विविधता भरे जीवन की पैरोकार है और उसी पैटर्न पर यूनिवर्स भर में जीवन का सृजन करती फिरती है— और जो ज़िम्मेदार है पृथ्वी पर इंसान जैसी प्रजाति को खड़ा करने की। अब जब वे ख़ुद मिट चुके हैं तो अपने ग्रह पर अगवा कर के ले गये इंसानों के सहारे इस जंग को आगे बढ़ाना चाहते हैं।


उन पृथ्वीवासियों को अब न सिर्फ़ अपने सर्वाइवल के लिये, बल्कि उन वूडर्स को वापस रीस्टोर करने के लिये हेलब्रीड्स जैसे शैतानों से वह जंग लड़नी भी है और जीतनी भी है— जिनके पास इस जंग में मुख्य हथियार के तौर पर वह वोल्टस पाॅवर है, जो उन्हें किसी ईश्वर के समकक्ष खड़ा कर देती है। क्या ऐसी फोर्स के खिलाफ़ पृथ्वीवासी कामयाब हो पायेंगे?


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7. Ikwodo Chapter 7: Battle of the Galaxies


बैटल ऑफ द गैलेक्सीज़, इक्वोडो शृंखला का सातवां अध्याय है— जहां धीरे-धीरे तीन ट्रैक पर चल रही तीनों कहानियों के अंत होते हैं और वे आगे उस फाईनल जंग के लिये तैयार होते हैं, जो दो आकाशगंगाओं के बीच होने वाली है।


पृथ्वीवासियों को फाइनली उन हेलब्रीड्स से अपनी अंतिम जंग लड़नी पड़ती है— जो उनके ही तय किये युद्ध-स्थल पर अपनी पूरी तैयारी के साथ पहुुंचते हैं और क़यामत मचा कर रख देते हैं।


सिक्रिलिस की सत्ता पर पूर्ण अधिपत्य के लिये रोबेक को अंतिम रूप से मैक्रस से भिड़ने का मौका मिलता है— जिसने उसे ढहाने के लिये पूरी तैयारी कर रखी थी और वह रोबेक को मौत के मुंह तक पहुंचा देता है।


रोलन को भी फाईनली अपनी उस अधूरी रह गई लड़ाई को पूरा करने का मौका मिलता है जिसके लिये वह पिछले हज़ार साल से इंतज़ार कर रहा था और निक्रोन के लिये उससे जीत तब तो और मुश्किल थी जब रोलन के पक्ष में हायत्ज़ और लैरेट्स के साथ थ्य ओ राॅन की वह विरोधी शक्ति भी आ गई थी।


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8. Ikwodo Chapter 8: The Final Apocalypse


द फाइनल अपोकैलिप्स… यानि एक ऐसी क़यामत जो दो आकाशगंगाओं के लिये थी। एक सिरे पर नेलिडो की गैलेक्टिक सत्ता वाले थे, जिनके साथ थे हेलिडर और विग्जेल जैसे सहयोगी— जो इतने सक्षम तो थे कि पूरे के पूरे ग्रह तबाह कर सकते थे, पूरे सोलर सिस्टम को क्रश कर सकते थे और पूरी गैलेक्सी को विकृत कर सकते थे।


दूसरे सिरे पर थे वे ससेन गैलेक्सी के लोग, जो बिना किसी बाहरी सहयोग के ही इतने सक्षम थे कि न सिर्फ़ अपने घर तक पहुंचे हमलावरों को कड़ी टक्कर दे सकें— बल्कि अपने उन दुश्मनों के घर पहुंच कर उनके ग्रहों को भी उसी पैटर्न पर ख़त्म कर सकते थे और पूरी गैलेक्सी को तबाह कर सकते थे।


लेकिन इस महाविनाशी जंग में एक तीसरा पक्ष भी था, जो यूनिवर्स में उदित होने वाले नये ईश्वर थ्य ओ राॅन का था— जिसकी फ़ौज में दोनों गैलेक्टिक सत्ताओं के बाग़ी थे, पड़ोस की तीसरी गैलेक्सी की वह आधुनिक सभ्यताओं के योद्धा थे जो ऐसी जंग के लिये उपयुक्त थे, वे वूडर्स थे जो अपनी विलुप्ति से उबर कर फिर से खड़े होने की कोशिश में थे… और थे वे पृथ्वीवासी, जो अब उस नये ईश्वर के सिपाही बन चुके थे।


जंग शुरू हो चुकी है और हर तरफ़ बस तबाही का मंजर है, हर तरफ़ मौत बरस रही है, ग्रह तबाह हो रहे हैं, समूचे सोलर सिस्टम ढह रहे हैं… और गैलेक्सी विकृत हो रही हैं। क्या होने वाला है अंतिम अंजाम?


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